भाई-बहन ने स्टार्टअप लॉन्च कर साइंस-मैथ्स की पढ़ाई के लिए 5 स्कूलों में बना दी लर्निंग लैब

कोटा के राजीव गांधी नगर निवासी भाई-बहन साइंस और मैथ्स जैसे जटिल सब्जेक्ट्स की पढ़ाई के लिए नए-नए इनोवेशन कर रहे हैं। दोनों ने अब तक 300 से अधिक साइंस मॉडल्स तैयार कर दिए हैं, जिनकी सहायता से कई मुश्किल से मुश्किल टॉपिक आसानी से समझ में आ जाते हैं। कक्षा 10 में पढ़ने वाले अर्णव और 11वीं में पढ़ने वाली आशिता ने इसके लिए एक स्टार्टअप भी लॉन्च किया है और पांच स्कूलों में एक्सपीरियंशल लर्निंग लैब बना चुके हैं। दोनों के स्टार्टअप का टर्नओवर करीब 10 लाख रुपए तक पहुंच गया है। अर्णव और आशिता ने ब्लाइंड स्टूडेंट्स के लिए ब्रेल लिपि में पीरियॉडिक टेबल भी बनाई है, जो अपनी तरह का पहला प्रयोग है। इसके अलावा पीरियॉडिक टेबल सिखाने के लिए एक टॉकिंग डिवाइस भी बनाई है।


ब्लाइंड बच्चों के लिए बनाई टॉकिंग पीरियॉडिकल टेबल 
आशिता ने बताया कि ब्लाइंड बच्चों को 5वीं के बाद पढ़ाई के संसाधन नहीं मिल पाते हैं। इसलिए उन्होंने ब्रेल और टॉकिंग पीरियॉडिकल टेबल बनाई है। आशिता का दावा है कि उन्होंने अपने भाई के साथ मिलकर ब्रेल लिपि में पहली बार पीरियॉडिकल टेबल बनाई है। टॉकिंग पीरियॉडिकल टेबल के लिए एक मैग्नेटिक डिवाइस बनाई है। इसमें 118 तत्वों की 16 प्रकार की जानकारियां हिंदी और इंग्लिश में स्टोर की हैं। डिवाइस को छूते ही संबंधित तत्व के बारे में सभी तरह की जानकारियां बताती है।


ड्रोन से लेकर 50 प्रकार की घड़ियों के बनाए मॉडल
आशिता ने बताया कि उन्होंने 300 से अधिक मॉडल बनाए हैं। इनमें ड्रोन से लेकर 50 प्रकार की घड़ियों के मॉडल्स शामिल हैं। इनके जरिए फिजिक्स, मैथ्स, एसएसटी के फॉर्मूले के अलावा पायथोगोरस, कोऑर्डिनेट ज्योमेट्री, भारत के राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों, कॉनिक सेक्शन, एलजेब्रा आइडेंडिटी आदि की पढ़ाई की जा सकती है। उन्होंने बताया कि 2021 तक 500 मॉडल बनाने का लक्ष्य है।


अर्णव- कक्षा 10 के स्टूडेंट हैं। उन्होंने इंडियन नेशनल एस्ट्रोनॉमी ओलंपियाड में क्वालीफाई किया है। सीबीएसई की ओर से होने वाली आर्यभट्ट गणित चैलेंज में कोटा से कुल चयनित 14 बच्चों में शामिल हैं।
आशिता- कक्षा 11 की स्टूडेंट हैं। उन्होंने इंडियन मैथमेटिकल ओलंपियाड, इंडियन नेशनल एस्ट्रोनॉमी ओलिंपियाड, एनएमटीसी इंटर, केवीपीवाई स्टेज वन में क्वालीफाई किया है।


लर्निंग लैब में मॉडल्स के जरिए मुश्किल टॉपिक सीखते हैं स्टूडेंट्स
अर्णव ने बताया कि उन्होंने कक्षा 4 के बाद इस तरह के मॉडल्स बनाना शुरू किया। एक साल की मेहनत के बाद एक्सपीरियंशल लर्निंग लैब तैयार की है। इसमें ब्लैक बोर्ड की जगह मॉडल्स के जरिए फिजिक्स, केमेस्ट्री, बायोलॉजी, मैथ्स, मेंटल एबिलिटी और सोशल साइंस की पढ़ाई आसानी से की जा सकती है। लैब में अलग-अलग सब्जेक्ट्स के 200 से अधिक मॉडल्स शामिल हैं। अर्णव ने बताया कि आईआईटी करने के बाद समाज के लिए सोशल इनोवेशन करना मुख्य टारगेट है। अब तक उन्हें आईआईटी कानपुर और मुंबई में टेक्निकल इवेंट्स में पुरस्कार मिल चुके हैं। आईआईटी प्रवेश परीक्षा की तैयारी के साथ-साथ अब अपने स्टार्टअप को आगे ले जाना चाहते हैं।